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दिव्यांगों को सहानुभूति नहीं अवसरों की आवश्यकता है I

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दिव्यांगों को सहानुभूति नहीं अवसरों की आवश्यकता है
 खुशनुमा जीवन का पाठ सिखाते हैं दिव्यांग- बीके दीपेंन
 

अपने अभावों में भी स्वयं को कमजोर नहीं होने देते। वे अपना मार्ग स्वयं प्रशस्त करते हैं और दिव्यांगता को अपनी मजबूरी नहीं बनने देते। मूक होकर भी इशारों से सब कुछ बोल जाते हैं, बधिर होकर भी सब समझ लेते हैं, पंगु होकर भी जिंदगी की दौड़ में आगे निकल जाते हैं, दृष्टिहीन होकर भी मन की आंखों से सब कुछ देख लेते हैं। स्वस्थ शरीर के बावजूद बहुत से व्यक्ति अधूरे ही होते हैं और दिव्यांग तन मन से संपूर्ण होते हैं ऐसे दिव्यांगजन वास्तव में सम्मान के पात्र हैं क्योंकि वह हमें जिंदगी का पाठ सिखाते हैं।

उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा ‘मध्य प्रदेश दिव्यांग समानता, संरक्षण एवं सशक्तिकरण अभियान’ के अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज किशोर सागर में आयोजित कार्यक्रम में भोपाल से पधारे बीके दीपेंन भाई ने व्यक्त किए।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथि सत्कार एवं दीप प्रज्वलन से की गई तत्पश्चात कार्यक्रम के विषय पर आधारित बहनों के द्वारा एक नृत्य प्रस्तुत किया गया।
इस कार्यक्रम में लवकुश नगर में रहने वाले अखिलेश मिश्रा जिनकी स्वयं की आंखों की रोशनी धीरे-धीरे मंद हो रही है दिखाई नहीं देता है फिर भी ऐसी स्थिति में भी वह बरोही ग्राम में जाकर बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उनकी इस सेवा भावना के लिए छतरपुर ब्रह्माकुमारीज द्वारा उनको विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इसके अलावा  दिव्यांग होते हुए भी नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट विजेता एवं मैराथन में कई बार विजयी होने वाले बसंत कुमार, संतोष कुशवाहा, उमेश मौर्या, रिजवान खान को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया
इस कार्यक्रम में सामाजिक न्याय विभाग से एआई खान सहित अन्य अधिकारी गण, प्रगतिशील दिव्यांग संसार की समस्त शिक्षिका साधना असाटी, साइन लैंग्वेज शिक्षिका नीलम पटेल, सीडब्ल्यूएसएन से दिव्यांग बच्चों की शिक्षिका सुनीता अहिरवार, दिव्यांग हेल्प फाउंडेशन एवं विकलांग कल्याण समिति के युवा भाई, समाजसेवी संजय शर्मा, सत्यशोधन आश्रम संचालक देवेंद्र भंडारी एवं इन संस्थाओं के सभी बच्चे शामिल हुए।
इस अवसर पर अभियान में  सागर से पधारी बीके कल्पना बहन ने इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारीज का यह अभियान पूरे मध्यप्रदेश में 15 दिनों से लगातार चल रहा है इसकी शुरुआत भोपाल राजयोग भवन से की गई। इस अभियान का उद्देश्य दिव्यांगों को आंतरिक रुप से सशक्त एवं संरक्षित करना है। दिव्यांगों को सहानुभूति कि नहीं अवसरों की आवश्यकता है।
मुख्य अतिथि के रुप में पधारे समाजसेवी संजय शर्मा ने ब्रह्माकुमारीज द्वारा सिखाये जाने वाले मेडिटेशन एवं उसके कार्यों की सराहना की। छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा ने अभियान की सफलता के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की एवं सभी संस्थाओं से पधारे भाई बहनों का धन्यवाद किया।
कार्यक्रम के अंत में ब्रह्मा कुमारीज द्वारा दिव्यांगों के लिए बनाई गई चित्र, प्रदर्शनी, गुणों पर आधारित सांप सीढ़ी द्वारा खेल खिलाए गए एवं बच्चों से पेंटिंग भी कराई गई और डांस करा कर सभी बच्चों को उत्साहित किया तत्पश्चात सभी को ईश्वरीय प्रसाद एवं बच्चों को सौगात दी गई।

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ब्रह्माकुमारीज़ छतरपुर में नशा मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ

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छतरपुर। ब्रह्माकुमारीज़ ने भोपाल से चल रहे नशा मुक्त भारत अभियान रथ का भव्य स्वागत किया और छतरपुर जिले में इस अभियान के आगाज़ का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा बहन जी ने अभियान को लेकर चल रहे बीके आशीष एवं बीके राम भाई का और नशा मुक्त अभियान के रथ का तिलक लगाकर स्वागत किया और सभी को नशा मुक्त रहने की शपथ दिलाई। इसके साथ ही इस अभियान की सफलता के लिए शुभ भावनाएं व्यक्त की ठीक है। इस अवसर पर अकाउंट प्रोजेक्ट ऑफिसर राजेश रूपौलिया बीके रीना, बीके रजनी, नीलम बहन एवं ब्रह्माकुमारी के सभी भाई बहने उपस्थित रहे।

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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संस्कारी महिला – श्रेष्ठ परिवार एवं समाज का आधार स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन

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ब्रह्माकुमारी सुखधाम में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर संस्कारी महिला –  श्रेष्ठ परिवार एवं समाज का आधार स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन

अलग-अलग क्षेत्र में अपना योगदान दे रहीं 200 मूल्यवान महिलाओं का सम्मान किया गया – ब्रह्माकुमारीज़

 

छतरपुर। ब्रह्माकुमारीज़ विश्वनाथ कॉलोनी स्थित सुख धाम भवन में राजयोग एजुकेशन & रिसर्च फाउंडेशन की भगिनी संस्था महिला प्रभाग द्वारा 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का विषय था संस्कारी महिला – श्रेष्ठ परिवार एवं समाज का आधार थीम को लेकर विशेष आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में हर वर्ग की महिलाओं ने भाग लिया दीप प्रज्वलन द्वारा सम्मेलन का शुभ उद्घाटन किया गया।

 

ब्रह्माकुमारीज विश्वनाथ सेवा केंद्र प्रभारी बीके रमा दीदी जी ने अपनी उद्बोधन में कहा कि पुरुष परिवार और सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिये भी शक्ति माँ जगदम्बा से, धन माँ लक्ष्मी से, ज्ञान माँ सरस्वती से ही मांगते है। परमात्मा ने अपने कार्य के लिये नारी शक्ति को आधार बनाया। उपेक्षित नारियों को इतना सशक्त बनाया कि सदियों तक मंदिरों मे पूजा होती रही। नारी घरबार सम्भालते है तब पुरुष भी निश्चिंत होकर अपना दायित्व निभा पाते है। सच्चाई तो यही है की कन्याएं जीवन देने वाली जीवन दायिनी हैं। नारियों को अपना स्वमान जगाना है। अपनी क्षमताओं गुणों को जानिए और महसूस करिए। मैं परमात्मा की संतान शिव शक्ति हूं। मैं ही पूज्य दुर्गा काली जगदंबा सरस्वती हूं। नारियां सदैव पुरुषों की तुलना में श्रेष्ठ है क्योंकि नारियां सृजन कर सकती हैं बच्चों को जन्म दे सकती है नारियों के अंदर स्वाभाविक रूप से प्रेम दया करुणा त्याग आदि मूल्य भरे पड़े हैं। इन मूल्यों का उदय अपने अंदर करके, स्वयं को सशक्त बनाकर विश्व परिवर्तन की बड़ी भूमिका निभाना है।

इस अवसर पर परोक्ष अपरोक्ष रूप से परिवार और समाज बल देने वाली 200 मूल्यवान महिलाओं का सम्मान किया गया। इनमें ऐसी महिलाओं का चुनाव किया गया जो घर परिवार समाज में रहते हुए वे स्वयं ही गुप्त रहकर निष्ठा भाव से अपने कर्म करती रहती हैं एवं इनमें कई विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग देने वाली समाज सेविका जैसी महिलाएं भी शामिल रहीं।

कार्यक्रम की शुरुआत कु. माही एवं कु. अंशिका द्वारा स्वागत है दिल से आपका तशरीफ़ आप लाये पर नृत्य से हुआ। कु. अंजलि ने कोमल है कमजोर नहीं, शक्ति का नाम ही नारी है पर नृत्य की प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर बीके रीना बहन ने कहा कि महिलाएं ही परिवार की समाज की राष्ट्र की और फिर विश्व की धुरी होती हैं। सुखी राष्ट्र और सुखी समाज की पहली शर्त है वहां की महिलाओं का सशक्तिकरण।

आज संसार की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे-आगे हैं मगर उन्होंने अपनी मौलिकता खो दी है। आत्मज्ञान और परमात्मा ज्ञान के अभाव से वह भौतिकवाद की भेंट चढ़ गई है। खुद की पहचान करके और परमपिता परमात्मा से योग लगाकर महिलाएं खुद को सशक्त बनाएं और समाज को श्रेष्ठ बनाएं। महिलाओं के अंदर असीम शक्तियां हैं।

ब्रह्माकुमारी कल्पना बहन ने कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए कहा कि ईश्वर और नारियों क्रिएटर हैं। पुरुषों से मुकाबला करने का विचार हीन विचार है। नारियां सदैव से पूज्य रही है। नारियों को अपना आंतरिक बाल पहचान कर सृष्टि के निर्माण के कार्य में लग जाना है।

इस अवसर पर विशेष रूप से बाल संप्रेषण गृह अधीक्षका सरोज छारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कविता तिवारी, सिंचाई विभाग एसडीओ अंकिता गोयल, एसडीओ नेहा गुप्ता, हम फाउंडेशन प्रांतीय उपाध्यक्ष कोमल टिकरिया, डॉ नीलिमा तिवारी, नेहा शर्मा, मंजू राय, रश्मि तिवारी, भावना चानना, वर्षा चनना, पार्षद अलका दुबे सहित कई महिला उपस्थित रही एवं कार्यक्रम में सभी ने महिला सशक्तिकरण हेतु अपने विचार रखें साथ ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम के अंत में ब्रह्माकुमारी रमा दीदी ने योगाभ्यास कराया और परम शांति की अनुभूति कराई एवं पधारी हुई सभी महिलाओं का धन्यवाद किया।

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Brahma Kumari sisters met H.E. President Draupadi Murmu ji on her arrival at Chhatarpur Bageshwar Dham.

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ब्रह्माकुमारी छतरपुर सेवाकेंद्र की बहनों ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के बागेश्वर धाम आगमन पर की मुलाकात 

छतरपुर बागेश्वर धाम आगमन पर माननीय महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी से ब्रह्माकुमारी बहनों ने मुलाकात की। इस अवसर पर बीके शैलजा एवं अन्य बहनों ने उपर्णा पहनाया एवं पुष्प गुच्छ, ईश्वरीय स्लोगन भेंट कर सम्मान किया और शिव जयंती की शुभकामनाएं दी तत्पश्चात महामहिम राष्ट्रपति जी ने भी बहनों को शिव जयंती की मुबारक दी।

मुलाकात के पश्चात ग्रुप फोटो में माननीय महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी, बागेश्वर धाम सरकार पीठाधीश्वर श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी, लोकसभा सांसद श्री मनोज तिवारी, छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा बहन, खजुराहो सेवाकेंद्र प्रभारी बीके विद्या, नौगांव सेवाकेंद्र प्रभारी बीके नंदा, विश्वनाथ सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रमा एवं अन्य बहनें।

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