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Maha Shivratri Programme celebrated in Vishwanath Center

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Chhatarpur

अग्रवाल समाज के लिए आयोजित कार्यक्रम

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ब्रह्माकुमारीज़ विश्वनाथ सेवाकेंद्र द्वारा महालक्ष्मी मंदिर में अग्रवाल समाज के लिए आयोजित कार्यक्रम

 धर्म वह जो धारणा में दिखाई दे – ब्रह्माकुमारीज़

 आदि सनातन देवी देवता धर्म के संस्कार भरने का कार्य शिव परमात्मा कर रहे हैं

– बीके शैलजा

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय विश्वनाथ सेवाकेंद्र द्वारा महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में आध्यात्मिक अलख जगाकर एक दिव्य समाज बनाने के उद्देश्य से महालक्ष्मी मंदिर में अग्रवाल समाज के निमंत्रण पर ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अग्रसेन सेवा आश्रम पब्लिक ट्रस्ट अध्यक्ष जयनारायण अग्रवाल, ट्रस्ट सचिव उमाशंकर अग्रवाल, ट्रस्ट प्रबंधक संतोष अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार एवं जिला अग्रवाल समाज संरक्षक हरि अग्रवाल, कार्यवाहक अध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष देवेंद्र अग्रवाल सहित अग्रवाल समाज के समस्त गणमान्य भाई बहनें उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम में छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म वह जो जीवन की धारणा में हो। आज हम धार्मिक हैं,अनुष्ठान करते, पूजा पाठ करते, हम सब कुछ करते परंतु वह धर्म की धारणाएं जीवन में दिखाई नहीं देती और इसी समय को धर्म की ग्लानि का समय कहा गया है। मंदिर बहुत है, भक्ति बहुत है और भी बहुत प्रकार की सेवाएं चलती हैं लेकिन उतना ही मनुष्य का जीवन गिरता जा रहा है। काम, क्रोध, लोभ वह अपनी अति तक पहुंच चुका है तो ऐसे समय पर सत्य सनातन धर्म की पुनर्स्थापना के लिए स्वयं परमात्मा पिता को आना पड़ता है यह किसी मनुष्य की ताकत नहीं है जो सनातन धर्म को पुनः स्थापित कर दे। सृष्टि का जो चक्र है कहते हैं सृष्टि का विनाश कभी नहीं होता आत्मा और परमात्मा पिता भी अजर अमर अविनाशी सत्ता है तो उसके द्वारा रची हुई यह सृष्टि भी अविनाशी है इसका चक्र अविरल घूमता रहता है और इसका परिवर्तन होता है। तो यह परिवर्तन काल चल रहा है और परमात्मा आदि सनातन देवी देवता धर्म जिसको आज हमने हिंदू कह दिया है लेकिन हिंदुत्व के जो संस्कार थे वह भी आज हमारे जीवन से विलुप्त होते जा रहे हैं, भगवान इस चीज को फिर से भरने के लिए आए हैं। परमात्मा पिता इस कलयुग के अंतिम चरण में अवतरित होकर हमें सत्य सनातन धर्म की शिक्षा दे रहे है, हमारे अंदर सनातन धर्म के संस्कार दिव्यता, पवित्रता, सद्भावना भर रहे हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत शिव भोलेनाथ की आरती तथा जीवन में आध्यात्मिक अलख जगाने की शुभ आशा को लेकर दीप प्रज्वलित किए गए तत्पश्चात कु.अंजली, खुशबू, पंकज चौबे, अवधेश भाई, सत्यम, शौर्य भाई के द्वारा परमात्मा का सत्य परिचय नामक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई।

विश्वनाथ सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रमा ने कहा कि परमात्मा शिव सर्व आत्माओं की ज्योति जगाने वाला स्वयं ज्योतिबिंदु रूप है जो सर्व के जीवन से अज्ञानता अंधकार मिटाकर ज्ञान का प्रकाश करता है।

इस मौके पर बीके रीना, रीमा, कल्पना बहन सहित ब्रह्माकुमारी से जुड़े भाई बहनें भी उपस्थित रहे।

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आध्यात्मिक रूप की पहचान देने हेतु श्री गणेश उत्सव मनाया गया

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श्री गणेश का स्वरुप हमें सिखाता है बोलना कम, सुनना ज्यादा और जो सुना है उसे धारण करना।
विश्वनाथ सेवाकेंद्र पर श्री गणेश चतुर्थी का आयोजन बड़ी धूम-धाम से किया गया

 प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय छतरपुर विश्वनाथ कालोनी  सेवाकेंद्र द्वारा मिट्टी के श्री गणेश की बड़े ही धूमधाम से प्रतिमा स्थापित कर श्री गणेश का अध्यात्मिक रहस्य बताने की लिए छतरपुर किशोर सागर
सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा बहन जी को आमंत्रित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत बुद्धि के देवता श्री गणेश की आरती तिलक, वंदन से की गई तत्पश्चात आदरणीय ब्रह्माकुमारी शैलजा बहन जी ने कहा कि श्री गणेश को मुंह छोटा और कान बड़े दिए जिसका मतलब है कम बोलना है, ज्यादा सुनना है और पेट बड़ा है माना जो सुना है उसको बड़ी ही धैर्यता से अपने अंदर समाना है। हाथ में मोदक लिए हैं लेकिन खाते हुए या आधा नहीं दिखाया इसका मतलब है कि मधुरता पसंद है मुख में मधुरता और दिल में सबके प्रति शुभकामनाएं, शुभ भावनाएं हो।
आज विसर्जन के दिन विश्वनाथ सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रमा ने श्री गणेश जी को पुष्प माला पहनाकर बड़ी ही श्रद्धा से आरती की और उनको भोग स्वीकार कराया तत्पश्चात सभी भाई बहनों ने मिलकर बड़ी ही प्रसन्नता और भावना से श्री गणेश जी को विदाई दी और अगले बरस जल्दी आने की प्रार्थना की।
इस मौके पर बीके आरती, बीके सपना, ज्योति, वर्षा बहन सहित सभी भाई बहनें उपस्थित रहे।

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पेप्टिक टाउन में घर बने मंदिर विषय पर आयोजित कार्यक्रम

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परमात्मा को करावनहार और स्वयं को मैनेजर समझ मैनेज करें तो बोझरहित रहेंगे-बीके रमा

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय विश्वनाथ सेवाकेंद्र द्वारा पेप्टिक टाउन स्थित बीके पाठशाला में घर बने मंदिर विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रभु स्मृति से की गई तत्पश्चात बीके रमा ने कहा कि हम सब अपने को अपने घर का मैनेजर समझ हर चीज को मैनेज करें और परमात्मा को अपना मालिक समझें कि करावनहार करा रहा है और हम करनहार बन कार्य कर रहे हैं तो कभी भी हमें भारीपन महसूस नहीं होगा और घर में चिड़चिड़ेपन का माहौल पैदा नहीं होगा तभी हम हल्के होकर प्रसन्न रह सकेंगे और सबको भी प्रसन्न रख पाएंगे।
बीके कल्पना ने कहा कि घर को मंदिर बनाने के लिए सबसे पहले स्वच्छता की आवश्यकता है क्योंकि मंदिर जितना स्वच्छ होगा उतनी ही सुंदर वहां मूर्ति स्थापित होंगी। मंदिर में तो एक या दो मूर्ति स्थापित होती हैं लेकिन आपके घर में कितनी चैतन्य मूर्तियां हैं इसलिए अपने घर को मंदिर समझ कर रहें तो ऑटोमेटिक मन की पवित्रता से घर में सुख शांति भी आएगी।
इस अवसर पर बीके कल्पना शिल्पा बहन द्वारा म्यूजिकल एक्सरसाइज के साथ-साथ अन्य ज्ञानवर्धक एक्टिविटी कराईं गईं।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने घर को मंदिर बनाने का संकल्प लिया उसके लिए बहनों द्वारा सभी को संकल्प सूत्र के रूप में रक्षासूत्र बांधा गया ताकि सबको याद रहे कि मुझे यह कार्य मिला है मुझे करना है।
इस संगोष्ठी में पेप्टिक टाउन की सभी गणमान्य महिलाओं ने भाग लिया और सभी ने आपस में घर को मंदिर बनाने की वर्कशॉप की जिसमें बहुत अच्छे-अच्छे टिप्स एक दूसरे से सांझा किया

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Brahma Kumaris Chhatarpur